माँ है वह ममता की महान मूरत,
जिसकी मुस्कान के सहारे खिल उठती है सूरत,
जो जीवन के पग-पग पर देती हैं साथ,
कभी नहीं होने देती है जीवन में निराश,
आपकी उँगली पकड़कर ही तो मैंने चलना सीखा,
आपकी ममता के आँचल में मैंने एक गीत लिखा
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